जीजू ने साली की चुदाई करके चुत की सील तोड़ी Jiju Ne Sali Ki Chudai Karke Meri Chut Ki Seal Todi - देशी हिंदी भाभी की चुदाई बिलकुल फ्री

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Saturday, 15 April 2017

जीजू ने साली की चुदाई करके चुत की सील तोड़ी Jiju Ne Sali Ki Chudai Karke Meri Chut Ki Seal Todi

जीजू ने साली की चुदाई करके चुत की सील तोड़ी 

Jiju Ne Sali Ki Chudai Karke Meri Chut Ki Seal Todi)


हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम ऋतिका है और मैं गुजरात के राजकोट से, आप सभी को अपनी सेक्स स्टोरी लिख रही हूँ। पहले मैं आप सबको मेरे बारे में बता देती हूँ, मेरी उम्र अभी ही 18 साल की हुई है.. और मेरा फिगर 30-24-32 का है। मैं काफ़ी हॉट दिखती हूँ.. मेरे चूचे बहुत ही तने हुए और सॉफ्ट हैं।

वीडियो डाउनलोड करे और देखें ये सेक्स स्टोरी मेरे और मेरे जीजू के बीच हुए पहले सेक्स के बारे में है। मेरी कज़िन सिस्टर पायल की हाल ही में शादी हुई है। मेरे जीजू इतने हैण्डसम हैं कि कोई भी लड़की उनसे चुदवाने के लिए मचल उठे।
बात आज से 2 महीने पहले की है, जब मेरे जीजू हमारे शहर आए थे। मैं स्कूल से लौट रही थी कि रास्ते में उनका फोन आया कि मैं तुमसे मिलने आया हूँ।
मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। फिर 30 मिनट बाद हम दोनों एक कॉफी शॉप में मिले। मैं उनसे काफ़ी फ्लर्ट करती थी.. सो मैंने पूछा- क्या बात है जीजू अचानक साली से मिलने चले आए!
जीजू- क्या करें.. साली है ही ऐसी, तो मन हो ही गया!
फिर कुछ बातें करने के बाद जीजू ने कहा- चलो मूवी देखने चलते हैं।
मैंने भी ‘हाँ’ कर दी।
हम दोनों मूवी देखने थिएटर में आ गए और कुछ ही देर बाद जीजू ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया, मैं तो बहुत शर्मा गई, मैंने उनका कोई प्रतिरोध नहीं किया।
वो मेरे हाथ को काफ़ी समय तक सहलाते रहे.. फिर जीजू मेरे एकदम पास आ कर मुझसे बोले- ऋतिका मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ।
मैं- क्या जीजू आप भी.. ऐसा भी कोई अपनी साली से करता है?
जीजू- यू आर सो सेक्सी.. प्लीज़..!
इतना कहते ही उन्होंने मुझे अपनी ओर खींच लिया। मुझे बहुत शर्म आ रही थी.. और मुझे डर भी लग रहा था।
मैंने कहा- कोई देख लेगा!
जीजू बोले- कुछ नहीं होगा..
उन्होंने अपने होंठ मेरे कोमल होंठों पर रख दिए। ये मेरी लाइफ का पहला किस था.. मेरी तो चुत गीली हो गई थी। उन्होंने 15 मिनट तक मेरे होंठों का रसपान किया.. फिर बोले।
जीजू- मुझे तुम्हारे बूब्स दबाने हैं!
मैं- नहीं जीजू.. यहाँ नहीं.. मुझे शर्म आ रही है।
जीजू- देखो मैं ज़बरदस्ती नहीं करूँगा अगर तुम मुझे लव करती हो.. तो अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दो!
मैं तो सोच में पड़ गई कि अब मैं क्या करूँ।
फिर मैंने हिम्मत करके जीजू का हाथ पकड़ कर मेरे लेफ्ट चूचे पर रख दिया। उनके हाथ के स्पर्श से ही मेरे जिस्म में सनसनी मच गई।
फिर जीजू ने बाहर से ही मेरे दोनों मम्मों को खूब दबाया, उस टाइम मैंने स्कूल यूनिफॉर्म पहनी हुई थी। फिर थोड़ी देर में वो मेरे दोनों मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगे.. अब मैं पागल हुई जा रही थी।
फिर उन्होंने मेरी शर्ट के दो बटनों को खोल दिया और अपना हाथ अन्दर डाल कर ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मों को प्रेस करने लगे।
मस्ती में मेरी आँखें ही बन्द हो गई थीं। फिर उन्होंने अपना हाथ ब्रा के अन्दर डाल दिया और मेरे निप्पलों से खेलने लगे, अब तो मेरे दोनों निप्पल हार्ड हो गए थे।
फिर जीजू ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पैंट पर रख दिया.. मैंने शर्मा कर हाथ वापस खींच लिया।
जीजू ने मेरा हाथ फिर से पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और बोले- इसे सहलाओ..!
मैंने अपने हाथ से धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया.. मुझे काफ़ी हार्ड महसूस हो रहा था।
फिर जीजू बोले- ज़िप खोलो ना!
मैंने ज़िप खोली.. तो बोले- हाथ अन्दर डालो।
मेरा हाथ उनकी चड्डी के ऊपर चला गया।
फिर जीजू बोले- चड्डी नीचे करो।
मैंने जैसे ही चड्डी नीचे को की.. कुछ कड़क सा एकदम से मेरे हाथ से टकराया।
मैंने हाथ वापिस ले लिया.. जीजू बोले- घबराओ मत.. उसे पकड़ लो और सहलाओ।
मैंने फिर से हाथ पेंट में डालकर उनका लौड़ा अपने हाथ में पकड़ लिया और हल्के हाथ से ऊपर-नीचे करने लगी। जीजू का लंड काफ़ी टाइट और गरम था।
अब जीजू का एक हाथ मेरे मम्मों को मसल रहा था और दूसरा हाथ मेरी स्कर्ट के अन्दर पहुँच चुका था। वो मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी फूल जैसी चुत से खेल रहे थे।
फिर उन्होंने मेरी पेंटी साइड में करके मेरी चुत में उंगली डाल दी.. मुझे तो जैसे 440 का झटका लगा हो। मेरी चुत वैसे ही काफ़ी गीली हो चुकी थी.. इसका फायदा उठा कर जीजू मेरी चूत में अपनी उंगली तेजी से अन्दर-बाहर करने लगे। कुछ ही पलों में मेरा पानी निकल गया। फिर मैंने भी जीजू का पानी उनकी पैंट में ही निकाल दिया।
जीजू- चलो हम दोनों मेरे एक दोस्त के कमरे पर चलते हैं।
मैं तो चुदासी हो गई थी, सो मैंने कहा- ठीक है..
अब मैं और जीजू कार में निकल गए और 15 मिनट बाद उनके एक दोस्त के रूम पर पहुँच गए। उनका दोस्त अपनी जॉब पर गया हुआ था.. तो कमरे में कोई नहीं था।

हम जैसे ही रूम में पहुँचे.. जीजू ने मुझे बांहों में भर लिया और बिस्तर पर पटक दिया। जीजू मेरे ऊपर चढ़ गए और मुझे किस करने लगे.. मेरा तो हाल बेहाल हो गया था।
फिर हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े निकाल दिए और नंगे हो गए। जीजू मेरे तने हुए मम्मों को देखते ही रह गए और उन पर टूट पड़े। वे मेरे एक चूचे को चूस रहे थे और दूसरे को हाथ से मसल रहे थे।
जीजू ने काफी देर तक मेरे मम्मों को चूस-चूस कर लाल कर दिया था।
फिर जीजू ने अपना लौड़ा मेरे हाथ में देकर कहा- इसे मुँह से प्यार करो।
मैंने उसको अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.. फिर जीजू बोले- किस करो ना!
मैंने मना किया, पर मेरी एक नहीं चली और मैं लंड के सुपारे को किस करने लगी, कब उनका लौड़ा मेरे मुँह में चला गया.. मुझे पता ही नहीं चला।
मेरे जीजू मेरे मुँह को ही चुत समझ कर चोदने लगे थे। फिर जीजू ने 69 में आ कर मेरी चुत में अपनी जीभ डाल दी.. मैं तो मानो सातवें आसमान में थी, मैं जीजू से कहने लगी- प्लीज़ जीजू, मेरी प्यास बुझा दो।
फिर जीजू ने अपना 6 इंच लंबा लौड़ा मेरी चुत पर रखा और धक्का दे दिया, लंड घुसते ही मेरी तो चीख निकल गई।
फिर जीजू मेरे मम्मों को सहलाने लगे और मेरे होंठों को चूसने लगे, इससे मुझे थोड़ी राहत मिली। तभी अचानक जीजू ने तेज़ी से अपने लंड को मेरी चुत में और अन्दर तक पेल दिया।
उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरी आँखों में आँसू आ गए थे.. मैं जीजू से कहने लगी- प्लीज़ जीजू इसे बाहर निकालो प्लीज़..
लेकिन जीजू तो मेरी चुत को ज़ोर-ज़ोर से चोदने में मस्त हो गए थे। कुछ मिनट बाद मुझे भी मजा आने लगा था। अब मैं भी अपनी गांड उठा-उठा कर अपने जीजू से चुत चुदवा रही थी। इस चुदाई में मैं दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन जीजू धकापेल मेरी चुदाई किए जा रहे थे। काफी देर चोदने के बाद जीजू ने अपना सारा माल मेरी चुत में निकाल दिया।
मैंने देखा तो बिस्तर पर काफ़ी खून था.. जीजू बोले- मुबारक हो साली जी.. आज आपकी सील टूट गई और अब आप हमारी पूरी घर वाली बन गई हो।
मैंने ये सुनते ही जीजू को बांहों में भर लिया.. फिर जीजू ने दो बार मुझे चोदा और फिर हम दोनों कपड़े पहन कर घर चले आए।
उस रात को भी जीजू ने मुझसे अपना लंड काफ़ी चुसवाया और मुझे अपना माल पिलाया था।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये सेक्स स्टोरी.. प्लीज़ मुझे मेल लिखना।
rutikasatani@hotmail.com

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