देशी हिंदी भाभी की चुदाई बिलकुल फ्री

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Saturday, 15 April 2017

मेरी गर्लफ्रेंड का पहली बार बुर चोदन Meri Girlfriend Ka Pahli Bar Bur Chodan

विधवा मौसी की चुत की चुदाई का मजा Vidhwa Mausi Ki Chut Ki Chudai Ka Maja

April 15, 2017 3

विधवा मौसी की चुत की चुदाई का मजा 

Vidhwa Mausi Ki Chut Ki Chudai Ka Maja


मेरा नाम अमर है, मैं एम सी ए कर रहा हूँ। मैं दसवीं में था जब मैंने पहली बार मूठ मारी थी। पर किसी लड़की की चुदाई का मौका कभी नहीं मिला था।
वीडियो डाउनलोड करे और देखें

और मेरा इंतजार ख़त्म किया मेरी मौसी कांता ने! मेरी मौसी कांता अपनी शादी के आठ साल बाद ही विधवा हो गई थी। उसकी चुची नॉर्मल 32″, पतला शरीर…
मौसा जी की मौत के बाद मैं अकसर मौसी को गौर से देखने लगा… उनके बारे में सोच सोच कर कई बार मैंने मूठ भी मारी पर कभी ये नहीं सोचा था कि मौसी की चुत मुझे मिलेगी।
मेरी बड़ी मौसी लड़की की शादी थी.. मम्मी के बीमार होने की वजह से ना मम्मी गये ना पापा.. पर मौसी के साथ मुझे भेज दिया।
ट्रेन में मैंने कई बार मौसी को छूने की कोशिश की पर डर के मारे कुछ ना कर सका।
मौसी के घर बहुत रिश्तेदार आए हुए थे। रात को जिसको जहाँ जगह मिली, वहीं सोने की तैयारी करने लगा। मैंने भी कमरे के एक नुक्कड़ में रज़ाई ली और जगह रोक ली।
रात को दस बजे कांता मौसी उसी कमरे में आई, बोली- मैं कहाँ सोऊँ?
मैंने मौसी को आवाज़ लगाई, कहा- मौसी यहाँ आ जाओ, मेरे पास एक बंदे की जगह है।
मौसी बोली- ठीक है, मैं अभी आती हूँ।
थोड़ी देर में मौसी आ गई.. उन्होंने पाजामा और टी शर्ट पहन रखी थी जिसमें मौसी और ज़्यादा सेक्सी लग रही थी। मैंने अंदाज़ा लगाया कि शायद मौसी ने नीचे ब्रा नहीं पहनी है।
मौसी मेरे साथ आ कर लेट गई। हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ कमर कर रखी थी।
सब सो रहे थे पर मेरी आँखों से नींद गायब थी। मेरे कूल्हे मौसी के नर्म नर्म कूल्हों से भिड़ रहे थे, मेरे लंड में हलचल होने लगी थी। मैंने लंड को अपने पाजामे में हाथ से हिलाना शुरू कर दिया, दिल कर रहा था कि मौसी को सीधा करूँ और उनकी चुत में लंड डाल दूं।पर डर भी रहा था।
मैंने करवट ली और अपना लंड मौसी की गांड से भिड़ाना शुरू कर दिया। मुझसे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया और मैंने ज़ोर से लंड को धक्का मारा।
तभी मौसी ने करवट ली और मुझसे कहा- ये क्या कर रहे हो? ये ग़लत है।
मैं- मौसी आपका भी तो मन करता होगा?
मौसी- नहीं, मैं ये नहीं कर सकती।
मुझे लगा कि मौसी मान जाएगी बस थोड़ी हिम्मत और करनी पड़ेगी।
मैंने मौसी की टी शर्ट में हाथ डाल कर उनकी चुची को पकड़ लिया और कहा- किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
जैसा मैंने सोचा था, मौसी ने ब्रा नहीं पहनी थी और मैं उनकी चुची को मसलने लगा। मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- कोई उठ जाएगा।
मैंने कहा- सब कुछ चुपचाप होगा।
और मैंने मौसी के होंठों को अपने होंठों में दबा लिया।
मैं उनकी चुची को दबाते दबाते उनके होंठ चूस रहा था, उनका विरोध ख़त्म हो चुका था और वो भी मस्त हो कर मेरे होंठ चूसने लगी। मैंने उनकी टीशर्ट को ऊपर उठा दिया और जिंदगी में पहली बार नंगी चुची अपने सामने देखी। मैं उन पर टूट पड़ा और उनकी चुची को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।
मैंने उनकी एक चुची के निप्पल को मुँह में भर लिया और जी भर कर दूध पीने लगा।
तभी मौसी बोली- आराम से कर… और चुची ही पीता रहेगा या कुछ और भी करेगा?
इतना सुनते ही मैंने अपना एक हाथ मौसी के पजामे में डाल दिया और उनकी चुत को छुआ। मौसी के मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकल गई। और मैंने भी जिंदगी में पहली बार चुत छूने का मजा लिया।
पर मैं अभी भी उनकी चुची को चूस रहा था।
मेरा लंड पूरा अकड़ चुका था, मैंने मौसी का हाथ पकड़ा और अपने पजामे के अंदर डाल दिया। मौसी ने मेरे लंड को हाथ लगाया और हाथ बाहर निकाल लिया।
मैंने धीरे से कहा- मौसी… लंड को हिलाओ ना?
मौसी- नहीं, मैं लंड नहीं पकड़ूँगी।
उनके मुँह से लंड सुन कर लंड और अकड़ गया।
मैंने भी ज़ोर नहीं दिया लंड पकड़वाने के लिए!
मैंने मौसी की चुत में उंगली डाल दी… मौसी छटपटा उठी और उसने मेरे हाथ पर हाथ रख कर मेरी उंगली को और अंदर करने की कोशिश करने लगी… मैंने मौसी की चुत में एक उंगली और डाल दी। मौसी उछलने लगी… मौसी ने खुद ही अब मेरे पाजामे में हाथ डाल दिया और लंड पकड़ लिया… और धीरे से कहा- अमर मेरी चुत की आग ठण्डी कर दे।
मैंने मौसी से कहा- मैं चुत चाटना चाहता हूँ!
पर मौसी ने मना कर दिया और कहा- फिर कभी चाट लेना, अब बस इसमें इसको डाल दे…
उन्होंने मेरा लंड पकड़ते हुए कहा।
मैंने मौसी के पजामे को नीचे किया और उनके ऊपर आ गया। पर मेरे लिए यह पहली बार था तो अंधेरे में लंड चुत में डालने में दिक्कत हो रही थी।
तभी मौसी ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चुत पर रखा और कहा- अब मार धक्का!
मैंने एक धक्का मारा और मेरा लंड मौसी की चुत की गहराई में चला गया।

मैंने मौसी की एक चुची को मुँह में ले लिया और एक को हाथ से दबाने लगा.. मेरा लंड मौसी की चुत में मजा ले रहा था… मैंने चुची चूसते हुए ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए… मौसी भी धीरे धीरे आहह आहह कर रही थी और कमर उचका उचका कर लंड को अंदर ले रही थी।
मेरी जिंदगी में यह पहला मौका था चुत की चुदाई का… थोड़ी ही देर में मुझे लगा कि मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है, मैंने मौसी को कहा- मेरा निकलने वाला है!
मौसी ने कहा- चुत में मत छुटाना..
मैंने लंड बाहर निकाल लिया और मौसी के हाथ में पकड़ा दिया। मौसी लंड को पकड़ कर अपनी चुत से रगड़ने लगी.. और मेरे लंड ने उनकी चुत पर उल्टी कर दी।
मैंने ज़ोर से मौसी की चुची को दबा दिया… मेरे लंड ने बहुत सारा पानी बाहर निकाला।
मैं मौसी की बगल में लेट गया.. मौसी ने धीरे से कहा- तुम्हारा तो हो गया, मेरा क्या?
मैंने इतना सुनते ही उनकी चुची को पकड़ा और उनकी चुत पर पड़े पानी से अपनी उंगली को गीला कर के उनकी चुत में डाल दिया और तेज तेज उंगली को चलाने लगा।
पाँच मिनट बाद ही मौसी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और उनकी चुत ने पानी छोड़ दिया। मैंने अपने हाथ को उनके पजामे से साफ किया।
हम दोनों अब शांत हो चुके थे। मौसी ने अपने कपड़े ठीक किए और मेरी तरफ़ करवट ले कर लेट गई। मैंने मौसी की टीशर्ट को उठा कर उनकी चुची को मुँह में भर लिया और चुची चूसते चूसते मुझे नींद आ गई।
उसके बाद मैंने मौसी को बहुत बार चोदा है.. आज भी मौका मिलता है तो मैं मौसी को चोद देता हूँ।
एक बार मैंने मौसी की मदद से अपनी चचेरी बहन को चोदा। उसकी कहानी भी लिखूंगा।
अपने कमेन्ट्स जरूर लिखिए।
onlyforu72469@gmail.com
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जीजू ने साली की चुदाई करके चुत की सील तोड़ी Jiju Ne Sali Ki Chudai Karke Meri Chut Ki Seal Todi

April 15, 2017 0

जीजू ने साली की चुदाई करके चुत की सील तोड़ी 

Jiju Ne Sali Ki Chudai Karke Meri Chut Ki Seal Todi)


हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम ऋतिका है और मैं गुजरात के राजकोट से, आप सभी को अपनी सेक्स स्टोरी लिख रही हूँ। पहले मैं आप सबको मेरे बारे में बता देती हूँ, मेरी उम्र अभी ही 18 साल की हुई है.. और मेरा फिगर 30-24-32 का है। मैं काफ़ी हॉट दिखती हूँ.. मेरे चूचे बहुत ही तने हुए और सॉफ्ट हैं।

वीडियो डाउनलोड करे और देखें ये सेक्स स्टोरी मेरे और मेरे जीजू के बीच हुए पहले सेक्स के बारे में है। मेरी कज़िन सिस्टर पायल की हाल ही में शादी हुई है। मेरे जीजू इतने हैण्डसम हैं कि कोई भी लड़की उनसे चुदवाने के लिए मचल उठे।
बात आज से 2 महीने पहले की है, जब मेरे जीजू हमारे शहर आए थे। मैं स्कूल से लौट रही थी कि रास्ते में उनका फोन आया कि मैं तुमसे मिलने आया हूँ।
मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। फिर 30 मिनट बाद हम दोनों एक कॉफी शॉप में मिले। मैं उनसे काफ़ी फ्लर्ट करती थी.. सो मैंने पूछा- क्या बात है जीजू अचानक साली से मिलने चले आए!
जीजू- क्या करें.. साली है ही ऐसी, तो मन हो ही गया!
फिर कुछ बातें करने के बाद जीजू ने कहा- चलो मूवी देखने चलते हैं।
मैंने भी ‘हाँ’ कर दी।
हम दोनों मूवी देखने थिएटर में आ गए और कुछ ही देर बाद जीजू ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया, मैं तो बहुत शर्मा गई, मैंने उनका कोई प्रतिरोध नहीं किया।
वो मेरे हाथ को काफ़ी समय तक सहलाते रहे.. फिर जीजू मेरे एकदम पास आ कर मुझसे बोले- ऋतिका मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ।
मैं- क्या जीजू आप भी.. ऐसा भी कोई अपनी साली से करता है?
जीजू- यू आर सो सेक्सी.. प्लीज़..!
इतना कहते ही उन्होंने मुझे अपनी ओर खींच लिया। मुझे बहुत शर्म आ रही थी.. और मुझे डर भी लग रहा था।
मैंने कहा- कोई देख लेगा!
जीजू बोले- कुछ नहीं होगा..
उन्होंने अपने होंठ मेरे कोमल होंठों पर रख दिए। ये मेरी लाइफ का पहला किस था.. मेरी तो चुत गीली हो गई थी। उन्होंने 15 मिनट तक मेरे होंठों का रसपान किया.. फिर बोले।
जीजू- मुझे तुम्हारे बूब्स दबाने हैं!
मैं- नहीं जीजू.. यहाँ नहीं.. मुझे शर्म आ रही है।
जीजू- देखो मैं ज़बरदस्ती नहीं करूँगा अगर तुम मुझे लव करती हो.. तो अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दो!
मैं तो सोच में पड़ गई कि अब मैं क्या करूँ।
फिर मैंने हिम्मत करके जीजू का हाथ पकड़ कर मेरे लेफ्ट चूचे पर रख दिया। उनके हाथ के स्पर्श से ही मेरे जिस्म में सनसनी मच गई।
फिर जीजू ने बाहर से ही मेरे दोनों मम्मों को खूब दबाया, उस टाइम मैंने स्कूल यूनिफॉर्म पहनी हुई थी। फिर थोड़ी देर में वो मेरे दोनों मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगे.. अब मैं पागल हुई जा रही थी।
फिर उन्होंने मेरी शर्ट के दो बटनों को खोल दिया और अपना हाथ अन्दर डाल कर ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मों को प्रेस करने लगे।
मस्ती में मेरी आँखें ही बन्द हो गई थीं। फिर उन्होंने अपना हाथ ब्रा के अन्दर डाल दिया और मेरे निप्पलों से खेलने लगे, अब तो मेरे दोनों निप्पल हार्ड हो गए थे।
फिर जीजू ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पैंट पर रख दिया.. मैंने शर्मा कर हाथ वापस खींच लिया।
जीजू ने मेरा हाथ फिर से पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और बोले- इसे सहलाओ..!
मैंने अपने हाथ से धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया.. मुझे काफ़ी हार्ड महसूस हो रहा था।
फिर जीजू बोले- ज़िप खोलो ना!
मैंने ज़िप खोली.. तो बोले- हाथ अन्दर डालो।
मेरा हाथ उनकी चड्डी के ऊपर चला गया।
फिर जीजू बोले- चड्डी नीचे करो।
मैंने जैसे ही चड्डी नीचे को की.. कुछ कड़क सा एकदम से मेरे हाथ से टकराया।
मैंने हाथ वापिस ले लिया.. जीजू बोले- घबराओ मत.. उसे पकड़ लो और सहलाओ।
मैंने फिर से हाथ पेंट में डालकर उनका लौड़ा अपने हाथ में पकड़ लिया और हल्के हाथ से ऊपर-नीचे करने लगी। जीजू का लंड काफ़ी टाइट और गरम था।
अब जीजू का एक हाथ मेरे मम्मों को मसल रहा था और दूसरा हाथ मेरी स्कर्ट के अन्दर पहुँच चुका था। वो मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी फूल जैसी चुत से खेल रहे थे।
फिर उन्होंने मेरी पेंटी साइड में करके मेरी चुत में उंगली डाल दी.. मुझे तो जैसे 440 का झटका लगा हो। मेरी चुत वैसे ही काफ़ी गीली हो चुकी थी.. इसका फायदा उठा कर जीजू मेरी चूत में अपनी उंगली तेजी से अन्दर-बाहर करने लगे। कुछ ही पलों में मेरा पानी निकल गया। फिर मैंने भी जीजू का पानी उनकी पैंट में ही निकाल दिया।
जीजू- चलो हम दोनों मेरे एक दोस्त के कमरे पर चलते हैं।
मैं तो चुदासी हो गई थी, सो मैंने कहा- ठीक है..
अब मैं और जीजू कार में निकल गए और 15 मिनट बाद उनके एक दोस्त के रूम पर पहुँच गए। उनका दोस्त अपनी जॉब पर गया हुआ था.. तो कमरे में कोई नहीं था।

हम जैसे ही रूम में पहुँचे.. जीजू ने मुझे बांहों में भर लिया और बिस्तर पर पटक दिया। जीजू मेरे ऊपर चढ़ गए और मुझे किस करने लगे.. मेरा तो हाल बेहाल हो गया था।
फिर हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े निकाल दिए और नंगे हो गए। जीजू मेरे तने हुए मम्मों को देखते ही रह गए और उन पर टूट पड़े। वे मेरे एक चूचे को चूस रहे थे और दूसरे को हाथ से मसल रहे थे।
जीजू ने काफी देर तक मेरे मम्मों को चूस-चूस कर लाल कर दिया था।
फिर जीजू ने अपना लौड़ा मेरे हाथ में देकर कहा- इसे मुँह से प्यार करो।
मैंने उसको अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.. फिर जीजू बोले- किस करो ना!
मैंने मना किया, पर मेरी एक नहीं चली और मैं लंड के सुपारे को किस करने लगी, कब उनका लौड़ा मेरे मुँह में चला गया.. मुझे पता ही नहीं चला।
मेरे जीजू मेरे मुँह को ही चुत समझ कर चोदने लगे थे। फिर जीजू ने 69 में आ कर मेरी चुत में अपनी जीभ डाल दी.. मैं तो मानो सातवें आसमान में थी, मैं जीजू से कहने लगी- प्लीज़ जीजू, मेरी प्यास बुझा दो।
फिर जीजू ने अपना 6 इंच लंबा लौड़ा मेरी चुत पर रखा और धक्का दे दिया, लंड घुसते ही मेरी तो चीख निकल गई।
फिर जीजू मेरे मम्मों को सहलाने लगे और मेरे होंठों को चूसने लगे, इससे मुझे थोड़ी राहत मिली। तभी अचानक जीजू ने तेज़ी से अपने लंड को मेरी चुत में और अन्दर तक पेल दिया।
उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरी आँखों में आँसू आ गए थे.. मैं जीजू से कहने लगी- प्लीज़ जीजू इसे बाहर निकालो प्लीज़..
लेकिन जीजू तो मेरी चुत को ज़ोर-ज़ोर से चोदने में मस्त हो गए थे। कुछ मिनट बाद मुझे भी मजा आने लगा था। अब मैं भी अपनी गांड उठा-उठा कर अपने जीजू से चुत चुदवा रही थी। इस चुदाई में मैं दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन जीजू धकापेल मेरी चुदाई किए जा रहे थे। काफी देर चोदने के बाद जीजू ने अपना सारा माल मेरी चुत में निकाल दिया।
मैंने देखा तो बिस्तर पर काफ़ी खून था.. जीजू बोले- मुबारक हो साली जी.. आज आपकी सील टूट गई और अब आप हमारी पूरी घर वाली बन गई हो।
मैंने ये सुनते ही जीजू को बांहों में भर लिया.. फिर जीजू ने दो बार मुझे चोदा और फिर हम दोनों कपड़े पहन कर घर चले आए।
उस रात को भी जीजू ने मुझसे अपना लंड काफ़ी चुसवाया और मुझे अपना माल पिलाया था।
दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये सेक्स स्टोरी.. प्लीज़ मुझे मेल लिखना।
rutikasatani@hotmail.com
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भाभी की प्यासी भोंसी की चुदाई करनी पड़ी Bhabhi Ki Pyasi Bhonsi Ki Chudai Karni Padi

April 15, 2017 0

भाभी की प्यासी भोंसी की चुदाई करनी पड़ी 

(Bhabhi Ki Pyasi Bhonsi Ki Chudai Karni Padi


नमस्ते दोस्तो, आपके दोस्त गोविन्दा का आपको प्यार भरा नमस्कार!
मेरी पिछली प्रकाशित कहानी
चुत ना मिली तो गांडू के साथ सुहागरात
को आपका सबका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला।


उस कहानी में मैंने बताया था कि मैंने पहली बार सेक्स 2014 में एक भाभी के साथ किया था, जिसकी कहानी मैं अब बताने जा रहा हूं।
उस दौरान मैं इंजीनियरिंग का फर्स्ट सेमेस्टर का स्टूडेंट था तथा अपनी मौसी के घर इंदौर में ही रहता था।
तो बात कुछ ऐसी है कि मेरी मौसी के घर के पास में एक भाभी किरायेदार थी। उनका नाम पूनम था, वह 37 साल की गदराये हुए बदन वाली मोटी गांड की औरत थी। पूनम भाभी अपने पति और एक लड़की स्वीटी के साथ रहती थी। दिखने में कुछ खास नहीं थी मगर उसकी चुची देखकर हर किसी का चूसने का मन हो जाये।
अंकल वन विभाग में होने से अक्सर कई दिनों तक घर पर नहीं रहते थे। पूनम भाभी को जब भी बाजार का कुछ काम होता था तो वह मुझे बोलती थी और मेरे साथ बाईक पर जाती थी। अक्सर पूनम भाभी बाईक पर पीछे से मेरी कमर को टाईट पकड़ती थी या सहलाती थी लेकिन मैंने कभी यह सोचा नहीं था कि उनके दिल में कुछ और ही चल रहा है।
एक दिन मुझे उन्होंने घर पर बुलाया और बोला- बेटा गोविन्दा, स्टूल पर चढ़ कर वह बैग निकाल दो क्यूंकि स्वीटी को स्कूल ट्रिप पर उदयपुर वगैरह जाना है तो पैकिंग करनी है।
मैं उस समय पतले कपड़े वाले अंडरवीयर में था जिसमें से मेरा लटका हुआ लंड दिखता था। स्टूल पर चढ़कर बैग निकालते वक्त पूनम भाभी ने मेरे सोये हुए लंड को छूकर हल्का सा दबा दिया और बोली- बेटा सॉरी, गलती से हाथ वहाँ चला गया।
फिर मैं पैकिंग में उनकी मदद करने लगा।
काम करते करते पूनम भाभी मुझसे बोली- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है? और तुमने कितनी बार सेक्स किया है?
मैं शर्म के मारे बोला- ऐसा कुछ नहीं है, पर आप ये सब क्या बोल रही हो?
उन्होंने आगे बढ़कर मेरे होंठों पर हाथ रखा और बोली- तुम नहीं जानते गोविन्दा कि मैं कितनी अकेली हूँ। तुम्हारे अंकल घर पर कई दिन तक नहीं रहते क्यूंकि उन्होंने एक रखैल रख ली है जिसके साथ वो हमेशा उसके घर में ही पड़े रहते हैं और मुझे यहाँ अकेली विधवा सी छोड़ रखा है। तुम अपनी भाभी के दर्द को समझ सकते हो… मेरी कुछ मदद करो।
मैं कुछ समझ पाता कि उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और होंठों को चूसने लगी। जमीन पर ही उन्होंने मुझे लिटाया और मेरे मुंह में खुद का मुंह डालकर चुम्बन का आनन्द लेने लगी।
यह मेरा पहला सेक्स था और मेरा लंड ठोस होकर खड़ा हो गया था।
चुम्बन करते हुए पूनम भाभी ने मेरे अंडरवीयर को नीचे सरकाया और फिर चड्डी के नीचे से मेरे लंड को निकालकर मसलने लगी।
मैं तड़फने लगा और उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज करने लगा।
उन्होंने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया मगर मैं खुद पर कोई नियंत्रण नहीं कर सका और आधे मिनट में ही लंड से माल उनके मुंह में छोड़ दिया।
वो मेरे लंड का माल पी गई और मैंने अंडरवीयर ऊपर कर लंड अंदर कर लिया।
मैंने पूनम भाभी को सॉरी बोला और वहाँ से भाग गया।
उस रात मैं बिल्कुल भी नहीं सो पाया और अगले दिन तक पूनम भाभी से नजर बचाकर कॉलेज जाने लगा।
एक दिन पूनम भाभी ने मुझे चौराहे की आटा चक्की के सामने पकड़ लिया और बोली- गोविन्दा, मुझे तुमसे कुछ काम है इसलिए शाम को घर जरूर आना!
मैं शाम को पूनम भाभी के घर गया और भाभी को आवाज लगाई।
घर पर सिर्फ पूनम भाभी थी, स्वीटी स्कूल ट्रिप पर गई हुई थी। भाभी ने मुझे सोफे पर बिठाया और मैं बार बार भाभी को सॉरी बोलने लगा कि उस दिन पता नहीं क्या हो गया कि मैं कभी कुछ नहीं किया।
भाभी ने मेरी घबराहट देखी और बोली- अरे गोविन्दा, छोड़ो और मेरी बात सुनो!
उन्होंने मुझे ठंडा पानी लाकर दिया और बोली- तुम्हारी इच्छा हो तो ही मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगी। पहली बार में ये सब हो जाता है, तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हें असली मर्द बना दूंगी।
मैं पूनम भाभी को बोला- ये सब गलत तो नहीं है?
भाभी मुझे हाथ पकड़कर रूम में ले गई, बोली- रूको, मैं दरवाजा बंद कर आती हूँ और फिर तुम्हें सही गलत बताती हूँ।
वापस आकर उन्होंने बिस्तर पर मुझे लेटाकर किस करने लगी औैर गले के आसपास चूमने लगी। उनके इशारे को समझकर मैं भी यही करने लगा।
हम दोनों जीभ से चाटकर एक दूसरे को गीला कर दिया।
फिर उन्होंने अपना ब्लाउज और ब्रा निकाल कर मेरा मुंह उनकी चुची के निप्पल पर रख दिया। मैं छोटे बच्चे की तरह उनके निप्पल और चुची को चूसने व काटने लगा जिससे मुझे और पूनम भाभी दोनों को मजा आ रहा था।
नमस्ते दोस्तो, आपके दोस्त गोविन्दा का आपको प्यार भरा नमस्कार!
मेरी पिछली प्रकाशित कहानी
चुत ना मिली तो गांडू के साथ सुहागरात
को आपका सबका बहुत अच्छा रिस्पांस मिला।
उस कहानी में मैंने बताया था कि मैंने पहली बार सेक्स 2014 में एक भाभी के साथ किया था, जिसकी कहानी मैं अब बताने जा रहा हूं।
उस दौरान मैं इंजीनियरिंग का फर्स्ट सेमेस्टर का स्टूडेंट था तथा अपनी मौसी के घर इंदौर में ही रहता था।
तो बात कुछ ऐसी है कि मेरी मौसी के घर के पास में एक भाभी किरायेदार थी। उनका नाम पूनम था, वह 37 साल की गदराये हुए बदन वाली मोटी गांड की औरत थी। पूनम भाभी अपने पति और एक लड़की स्वीटी के साथ रहती थी। दिखने में कुछ खास नहीं थी मगर उसकी चुची देखकर हर किसी का चूसने का मन हो जाये।
अंकल वन विभाग में होने से अक्सर कई दिनों तक घर पर नहीं रहते थे। पूनम भाभी को जब भी बाजार का कुछ काम होता था तो वह मुझे बोलती थी और मेरे साथ बाईक पर जाती थी। अक्सर पूनम भाभी बाईक पर पीछे से मेरी कमर को टाईट पकड़ती थी या सहलाती थी लेकिन मैंने कभी यह सोचा नहीं था कि उनके दिल में कुछ और ही चल रहा है।
एक दिन मुझे उन्होंने घर पर बुलाया और बोला- बेटा गोविन्दा, स्टूल पर चढ़ कर वह बैग निकाल दो क्यूंकि स्वीटी को स्कूल ट्रिप पर उदयपुर वगैरह जाना है तो पैकिंग करनी है।
मैं उस समय पतले कपड़े वाले अंडरवीयर में था जिसमें से मेरा लटका हुआ लंड दिखता था। स्टूल पर चढ़कर बैग निकालते वक्त पूनम भाभी ने मेरे सोये हुए लंड को छूकर हल्का सा दबा दिया और बोली- बेटा सॉरी, गलती से हाथ वहाँ चला गया।
फिर मैं पैकिंग में उनकी मदद करने लगा।
काम करते करते पूनम भाभी मुझसे बोली- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है? और तुमने कितनी बार सेक्स किया है?
मैं शर्म के मारे बोला- ऐसा कुछ नहीं है, पर आप ये सब क्या बोल रही हो?
उन्होंने आगे बढ़कर मेरे होंठों पर हाथ रखा और बोली- तुम नहीं जानते गोविन्दा कि मैं कितनी अकेली हूँ। तुम्हारे अंकल घर पर कई दिन तक नहीं रहते क्यूंकि उन्होंने एक रखैल रख ली है जिसके साथ वो हमेशा उसके घर में ही पड़े रहते हैं और मुझे यहाँ अकेली विधवा सी छोड़ रखा है। तुम अपनी भाभी के दर्द को समझ सकते हो… मेरी कुछ मदद करो।
मैं कुछ समझ पाता कि उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और होंठों को चूसने लगी। जमीन पर ही उन्होंने मुझे लिटाया और मेरे मुंह में खुद का मुंह डालकर चुम्बन का आनन्द लेने लगी।
यह मेरा पहला सेक्स था और मेरा लंड ठोस होकर खड़ा हो गया था।
चुम्बन करते हुए पूनम भाभी ने मेरे अंडरवीयर को नीचे सरकाया और फिर चड्डी के नीचे से मेरे लंड को निकालकर मसलने लगी।
मैं तड़फने लगा और उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज करने लगा।
उन्होंने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू किया मगर मैं खुद पर कोई नियंत्रण नहीं कर सका और आधे मिनट में ही लंड से माल उनके मुंह में छोड़ दिया।
वो मेरे लंड का माल पी गई और मैंने अंडरवीयर ऊपर कर लंड अंदर कर लिया।
मैंने पूनम भाभी को सॉरी बोला और वहाँ से भाग गया।
उस रात मैं बिल्कुल भी नहीं सो पाया और अगले दिन तक पूनम भाभी से नजर बचाकर कॉलेज जाने लगा।
एक दिन पूनम भाभी ने मुझे चौराहे की आटा चक्की के सामने पकड़ लिया और बोली- गोविन्दा, मुझे तुमसे कुछ काम है इसलिए शाम को घर जरूर आना!
मैं शाम को पूनम भाभी के घर गया और भाभी को आवाज लगाई।
घर पर सिर्फ पूनम भाभी थी, स्वीटी स्कूल ट्रिप पर गई हुई थी। भाभी ने मुझे सोफे पर बिठाया और मैं बार बार भाभी को सॉरी बोलने लगा कि उस दिन पता नहीं क्या हो गया कि मैं कभी कुछ नहीं किया।
भाभी ने मेरी घबराहट देखी और बोली- अरे गोविन्दा, छोड़ो और मेरी बात सुनो!
उन्होंने मुझे ठंडा पानी लाकर दिया और बोली- तुम्हारी इच्छा हो तो ही मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगी। पहली बार में ये सब हो जाता है, तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हें असली मर्द बना दूंगी।
मैं पूनम भाभी को बोला- ये सब गलत तो नहीं है?
भाभी मुझे हाथ पकड़कर रूम में ले गई, बोली- रूको, मैं दरवाजा बंद कर आती हूँ और फिर तुम्हें सही गलत बताती हूँ।
वापस आकर उन्होंने बिस्तर पर मुझे लेटाकर किस करने लगी औैर गले के आसपास चूमने लगी। उनके इशारे को समझकर मैं भी यही करने लगा।
हम दोनों जीभ से चाटकर एक दूसरे को गीला कर दिया।
फिर उन्होंने अपना ब्लाउज और ब्रा निकाल कर मेरा मुंह उनकी चुची के निप्पल पर रख दिया। मैं छोटे बच्चे की तरह उनके निप्पल और चुची को चूसने व काटने लगा जिससे मुझे और पूनम भाभी दोनों को मजा आ रहा था।
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साहब ने मेरी चुत की चुदाई करके असली सुहागरात का मजा दिया Saahab Ne Meri Chut Chudai Karke Asli Suhagraat Ka Maja Diya

पड़ोस की जवान कुंवारी लड़की की चुत चुदाई की कहानी Pados Ki Jawan virgin Ladki Ki Chut Chudai Ki Kahani

April 15, 2017 1

पड़ोस की जवान कुंवारी लड़की की चुत चुदाई की कहानी 

Pados Ki Jawan virgin Ladki Ki Chut Chudai Ki Kahani



हाय फ्रेंड्स, मैं राज हाजिर हूँ अपनी एक कहानी लेकर!
मेरी कहानी की हीरोइन का नाम शालिनी है, वो मेरी पड़ोसन है, वो 20 साल की है, रंग सांवला है और मस्त बिपासा बसु की तरह दिखती है। उसके बूब्स मस्त बड़े बड़े हैं।


मैंने कुछ दिनों से गौर किया कि वो मुझे रोज छुप छुप कर देखती है और मुझसे मिलने के बहाने खोजती रहती है।
मैं समझ गया कि उसके ऊपर जवानी जोर मार रही है। अब मैं भी उससे अकेले मिलने का बहाना खोजने लगा।
एक दिन मुझे वो मौका मिल गया। उसके घर में उस दिन कोई नहीं था, मैं उसके घर गया और उसके भाई के बारे में पूछने लगा तो वो बोली- मैं अकेली हूँ, घर में कोई नहीं है!
मैंने वापस घर आने का नाटक किया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- रुको, मैं आपके लिए कुछ खाने पीने के लिए लाती हूँ। और वो किचन की ओर चली गई।
थोड़ी देर बाद मैं भी उसके पीछे चला गया और उसे पीछे से पकड़ लिया और उसके गर्दन पर किस किया।
वो डर गई और खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगी, कहने लगी- क्या कर रहे हो?
तो मैंने कहा- मुझे पता है कि तुम मुझसे प्यार करने लगी हो!
वो बोली- यह झूठ है, मैंने आपसे कभी नहीं कहा कि मैं आपसे प्यार करती हूँ।
तो मैंने बोला- यह कहने या बताने वाली बात नहीं है, तुम्हारी आँखों में मेरे लिए प्यार देखा है मैंने!
मेरे यह बोलते ही वो मुझसे लिपट गई और बोली- मैं सच में आपसे बहुत प्यार करती हूँ पर आज तक आपसे बोलने की हिम्मत नहीं कर पाई।
फिर उसने मुझे i love you बोला और मेरे होंठों पर किस करने लगी। मैंने भी उसे i love you too बोला औऱ उसे गोद में उठा लिया और उसे उसके बैडरूम में ले जाकर बेड में लिटा दिया और उसे किस करने लगा।
किस करते करते उसकी गर्दन से होते हुए उसके बूब्स तक पहुँच गया और उसके बड़े बड़े बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा फिर और नीचे उसके कमर को किस करता हुआ उसके पजामे का नाड़ा खोल दिया, फिर उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।
वो जोर जोर से सिसकारने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
थोड़ी देर तक उसकी चूत चाटने के बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और उसे भी पूरी तरह से नंगी कर दिया। फिर अपना लंड उसके मुँह में डालकर मुखमैथुन करने लगा।
उसके मुँह में कई झटके देने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया। उसने मेरा सारा माल गटक लिया।
फिर वो मेरा लंड हाथ में लेकर मुठ मारने लगी, उसके स्पर्श से मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा। अब मैंने देर न करते हुए उसे बेड में लिटाया और उसकी चूत में अपना लौड़ा डालने की कोशिश करने लगा पर उसकी चूत कुंवारी थी इसलिए मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था।
फिर मैंने उसे तेल लाने को कहा। वो सरसों का तेल ले आई। मैंने बोतल से तेल लेकर थोड़ा सा अपने लंड पर और थोड़ा सा शालिनी की चूत पर लगाया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा जिससे मेरे लवडे का सुपारा अंदर गया। फिर मैंने एक जोर का झटका लगाया और मेरा पूरा लंड उसके चूत क अंदर चला गया।
मैंने उसका मुह बंद कर दिया ताक़ि उसकी चीख कमरे से बाहर ना जा पाये।
मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उसमें खून लगा हुआ था, उसकी चूत की सील टूट गई, वो खून देखकर डर गई तो मैंने उसे समझाया कि पहली बार ऐसा होता है, इसमें डरने की कोई बात नहीं है।
तब जाकर वो शांत हुई।
और मैंने भी उसकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया। धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड़ बढ़ा दी, थोड़ी देर बाद वो झड़ गई पर मैं पहले ही झड़ चुका था इसलिए मैंने चुदाई जारी रखी और उसके होठों पर किस करने लगा।
फिर मैंने उसे उल्टा लिटाकर डॉगी स्टायल में चोदना शुरु किया, मैंने स्पीड़ बढ़ा दी और जोर जोर से झटके मारने लगा। फिर मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और बेड पर गिर पड़ा।
फिर हम दोनों ने बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया और मैंने उसे उसके होंठों पर किस किया और वापस घर आ गया।
उस दिन के बाद से अब जब भी हमें मौका मिलता है, हम चुदाई करते हैं।
rj9944@rediffmail.com
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